अयोध्या में राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर एक नया विवाद सामने आया है, जिसमें मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय की भूमिका सामने आ रही है. इस मामले पर अयोध्या के महंत देवेंद्र प्रसाद आचार्य ने आरोप लगाया है कि मेयर खुद उनसे राम मंदिर के नाम पर जमीन मांगने आए थे. हालांकि, मेयर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.
हमने रामजी के लिए दे दी जमीनः महंत
अयोध्या के महंत देवेंद्र प्रसाद आचार्य ने आजतक को बताया कि राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से उनसे कोई नहीं मिला था, मेयर ही उनसे मिले थे. उन्होंने बताया, “ट्रस्ट ने हमसे सीधे संपर्क नहीं किया. मेयर ऋषिकेश उपाध्याय मिले थे. हमसे कहा गया कि रामलला ट्रस्ट को जरूरत है तो हमने कहा कि ले लें. हमें लगा कि वो ट्रस्ट से अधिकृत हैं. इसलिए राम जी के लिए हमने जमीन दे दी.”
उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने कैसे जमीन को 2.5 करोड़ में बेच दिया, ये मेरी समझ से परे है. अगर इतनी महंगी ट्रस्ट को बेच रहे थे, हमें भी उस हिसाब से देना चाहिए था.” उन्होंने कहा, “भगवान के नाम पर पैसों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. ये गलत है. अयोध्या में राम जी जानें कि क्या हो रहा है? राम जी के नाम पर जो ठगेगा, उसे राम जी ही देखेंगे. भगवान सबको सद्बुद्धि दे कि उनके पैसे का दुरुपयोग न हो.”
मैं महंत से मिलने नहीं गयाः मेयर
वहीं, मेयर ने महंत के लगाए सभी आरोपों को खारिज कर दिया. मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने आजतक को बताया कि वो एक-दो दिन में जवाबों के साथ हाजिर होंगे. उन्होंने कहा, “मैं महंत से मिलने नहीं गया था. ये मुझ पर राजनीतिक वार है. मैं कोर्ट में इन आरोपों का जवाब दूंगा.” भतीजे दीप नारायण उपाध्याय की भूमिका पर मेयर ने कुछ नहीं कहा. मेयर ने बस इतना कहा कि किसी ने गड़बड़ी की होगी तो कार्रवाई होगी.
क्या है पूरा मामला?
मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय ने 20 फरवरी 2021 को अयोध्या के महंत देवेंद्र प्रसाद आचार्य से 135 से 890 वर्ग मीटर की जमीन अयोध्या के महंत देवेंद्र प्रसाद आचार्य से 20 लाख रुपए में खरीदी थी. 3 महीने बाद 11 मई 2021 को दीप नारायण ने इसी जमीन को राम मंदिर ट्रस्ट को 2.5 करोड़ रुपए में बेच दिया. इतना ही नहीं, मेयर के भतीजे ने एक 676.86 वर्ग मीटर की एक और जमीन 27 लाख में खरीदी और इसे 1 करोड़ में ट्रस्ट को बेच दी.