अयोध्या. अयोध्या (Ayodhya) में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास (Mahant Paramhans Das) ने जानकी घाट बड़ा स्थान के पीठाधीश्वर जन्मेजय सहित राम मंदिर (Ram Mandir) के नाम पर बने कई संगठनों पर धोखाधड़ी कर श्रद्धालुओं से संपत्ति व धन जुटाने का आरोप लगाया है। महंत ने इन लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को चिट्ठी लिखी है। साथ ही इसकी एक-एक कॉपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) व अयोध्या जिलाधिकारी (Ayodhya DM) को भी भेजी है। परमहंस दास की मांग है कि राम मंदिर निर्माण के नाम पर इन संगठनों द्वारा जुटाए गए धन को श्री राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकृत व्यक्ति को सौंप देना चाहिए।
यह हैं आरोप-
महंत परमहंस दास ने लिखे पत्र में कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के नाम पर जानकी घाट पीठाधीश्वर जन्मेजय शरण ने ट्रस्ट बनाया था और राम भक्तों से भारी धन इकट्ठा किया था। परमहंस दास ने कहा कि मैंने चिट्ठी में महंत जनमेजय शरण का उदाहरण दिया है जिन्होंने ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास ट्रस्ट’ का गठन किया और राम मंदिर के नाम पर बहुत पैसा इकट्ठा किया। महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में विश्व हिंदू परिषद द्वारा एक ट्रस्ट का गठन हुआ था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर एक औपचारिक ट्रस्ट बनने के बाद, वही लोग उस ट्रस्ट में आए। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की चीजें संतों और महंतों की विश्वसनीयता और इरादे पर सवालिया निशान लगाती हैं, और इसलिए जिन लोगों ने भगवान राम के नाम पर पैसा लिया है, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका उपयोग मंदिर निर्माण में किया जाए।
श्री राम जन्मभूमि न्यास के बारे में भी पूछा था सवाल-
दास ने दावा किया कि उन्होंने एक बार अधिकारियों से 1993 में मंदिर निर्माण को बढ़ावा देने और उसकी देखरेख के लिए बनाए गएश्री राम जन्मभूमि न्यास (जो अब निष्क्रिय है) द्वारा एकत्र किए गए धन के बारे में भी पूछा था। उस बारे में कहा गया था कि इसका उपयोग मंदिर निर्माण, पत्थरों को लाने, उन्हें तराशने और मंदिर की सुरक्षा के काम के लिए किया गया था।
करेंगे सत्याग्रह-
उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर के नाम पर पूरे देश में श्रद्धालुओं के साथ जो ठगी हुई है, उससे हम बहुत आहत हैं। हमने मांग की है कि इसकी जांच करके जो भी पैसा है, वह एक-एक पैसा राम मंदिर में लगाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमारी बात की अनदेखी की गई तो इसको लेकर हम सत्याग्रह करेंगे।
शरण ने दिया जवाब-
शरण ने आरोपों पर कहा कि उन्होंने श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास का गठन किया था और इसे 2008 में पंजीकृत कराया था, लेकिन उनपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा, कि दास को मेरे कुछ दुश्मनों और प्रतिद्वंद्वियों ने उकसाया है। उन्हें मेरे खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मेरे खिलाफ साजिश है। राम मंदिर के नाम पर कोई वसूली नहीं हुई है। हमने किसी से पैसे नहीं मांगे हैं, हमने किसी को कोई रसीद नहीं दी है। मेरे ऊपर लगे आरोप निराधार हैं। हां, हमने 2008 में ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास’ का पंजीकरण कराया, लेकिन यह कोई पैसा इकट्ठा करने के लिए नहीं बनाया गया था। ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य मंदिर निर्माण सुनिश्चित करने में हर संभव सहायता प्रदान करना था। वह लक्ष्य अब पूरा हो गया है।