स्थानीय मीडिया आउटलेट्स के हवाले से इराक़ी मिलिसिया ग्रुप ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सीरिया में तीन स्थानों पर जहां अमेरिकी सैनिक अवैध रूप से तैनात हैं, उन्हें इराक के “इस्लामिक प्रतिरोध” द्वारा निशाना बनाया गया है। वही अमेरिका ने दावा किया कि अमेरिकी सैनिकों ने कम से कम दो यूएवी को रोका, जबकि कोई हताहत या क्षति नहीं हुई।
जमीनी सूत्रों का हवाला देते हुए, लेबनान स्थित अल-मायादीन चैनल ने सोमवार को बताया कि डेर-एज़-ज़ोर प्रांत में अल-उमर तेल क्षेत्र में “विस्फोट सुना जा सकता है”। हसाकाह प्रांत के अल-शदादी और सीरिया के दक्षिण में भारी किलेबंदी वाले अमेरिकी अड्डे एट-तनफ पर भी ड्रोन हमलों की खबरें है।
खुद को ‘द इस्लामिक रेसिस्टेंस इन इराक’ कहने वाले एक समूह ने हमलों की जिम्मेदारी ली और एक बयान जारी कर कहा कि उसने अल-उमर और अल-शद्दादी के पास अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाया और “अमेरिकी कब्जे” के ठिकानों पर “सीधे हमले” किए।
यूएस सेंट्रल कमांड ने एक्स पर एक बयान में कहा, अमेरिकी सैनिकों ने सोमवार की सुबह दक्षिण पश्चिम सीरिया में अमेरिका और गठबंधन बलों के पास दो एकतरफा हमले वाले ड्रोनों को उनके इच्छित लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिया। सेंटकॉम ने कहा कि हमले से कोई हताहत या क्षति नहीं हुई, यह देखते हुए कि वह “क्षेत्र में स्थिति की सतर्कता से निगरानी कर रहा है और अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए आवश्यक और आनुपातिक कार्रवाई करेगा”।
वर्तमान में सीरिया में 1,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो कुर्द नेतृत्व वाली मिलिशिया के समर्थन से प्रमुख तेल क्षेत्रों और यूफ्रेट्स नदी क्रॉसिंग पर कब्जा कर रहे हैं। सीरियाँ की सरकार ने बार-बार विरोध किया है कि उनके देश में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने “बिडेनोमिक्स” कार्यक्रम को बीच में रोक करके चले गये जिसने ड्रोन हमले की अफवाहों को हवा दी और कहा कि उन्हें व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में “एक और मुद्दे” से निपटना होगा। रॉयटर्स के मुताबिक, कोई आपात स्थिति नहीं थी, केवल इजरायल की मौजूदा स्थिति पर एक नियमित ब्रीफिंग थी।
व्हाइट हाउस और पेंटागन ने सीरिया और इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हाल ही में हुए ड्रोन और रॉकेट हमलों के पीछे ईरान को ताकत बताया है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि तेहरान इन हमलों को “सक्रिय रूप से सुविधा प्रदान” कर रहा है, उन्होंने ईरान पर इज़राइल के साथ संघर्ष में हमास और हिजबुल्लाह मिलिशिया का समर्थन करने का आरोप लगाया।