असम के दरांग जिले में हुए प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक ग्रामीण पर पुलिसकर्मियों की लाठियों के बीच एक कैमरामैन कूदता हुआ दिखाई दे रहा है। पुलिस के साथ मौजूद यह फोटोग्राफर ग्रामीण की छाती पर कूद पड़ता है। पुलिस के डंडों के बीच खुद भी लात घूंसे चलाता रहा। एक बार जाने के बाद वह दोबारा आता है और उसी रफ्तार के साथ ग्रामीण की छाती पर कूद जाता है और उस पर अपनी नाराजगी जाहिर करने लगता है। फोटोग्राफर की पहचान बिजॉय बनिया के रूप में हो गई है, उसे जिला प्रशासन ने इस अभियान के दस्तावेजीकरण के लिए रखा गया था।
गुरुवार की देर रात, डीजीपी भास्करज्योति महंत ने कहा कि बनिया को गिरफ्तार कर लिया गया है, और उसका मामला सीआईडी को सौंप दिया गया है, वहीं ग्रामीण प्रदर्शनकारी की पहचान देर रात तक नहीं हो पाई थी। यह पूछे जाने पर कि वीडियो में पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, असम के स्पेशल डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि जहां भी SOP और प्रोटोकॉल का उल्लंघन होगा पुलिस अपना काम करेगी। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि वीडियो देखने के बाद हम बिजॉय बनिया के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि वीडियो में दिखाई दे रहे ग्रामीण ने पहले दो पुलिसकर्मियों पर हमला किया था, उनमें से एक गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिनका इलाज, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रहा है।
क्या है पूरा मामला: असम में आम नागरिकों और पुलिस के बीच गुरुवार को हिंसक झड़प हो गई थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चलाई गई गोलियों से दो ग्रामीणों की मौत हो गई है जबकि कुल 11 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं, कुल 9 पुलिस वाले घायल हुए हैं, इनमें से एक ही हालत गंभीर बताई जा रही है। दरांग जिले के पुलिस अधिकारी के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा बेदखल किए गए 800 परिवार पुनर्वास की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान अचानक वे हिंसक हो गए और पत्थर फेंकने लगे। उनको रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने गोली चलाई तो इसमें दो लोगों की मौत हो गई।
क्यों हटाया जा रहा है अतिक्रमण: राज्य में बिस्वा सरकार बनने के बाद से असम के दरांग जिले में अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया था। सरकार का कहना है कि इस जमीन का इस्तेमाल सरकारी कृषि परियोजना के लिए किया जाएगा। इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं।