18.1 C
Delhi
Thursday, March 23, 2023
No menu items!

चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा, OIC में कश्मीर पर दिए बयान के बारे में जयशंकर ने जताया विरोध

- Advertisement -
- Advertisement -

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाक़ात की. इस वार्ता के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए एस. जयशंकर ने बताया कि उन्होंने चीन के विदेश मंत्री से कहा है कि बॉर्डर एरिया में तनाव और भारी सैन्य मौजूदगी के माहौल में दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं रह सकते हैं.

एस. जयशंकर और वांग यी के बीच बैठक क़रीब तीन घंटे चली जिसमें भारत और चीन के बॉर्डर एरिया के अलावा अंतरराष्ट्रीय महत्व के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

- Advertisement -

एस. जयशंकर ने ये भी बताया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को लेकर दिए गए वांग यी के बयान पर भारत का विरोध भी दर्ज कराया है. भारत आने से पहले पाकिस्तान में हुए इस्लामी देशों के संगठन ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के सम्मेलन में चीन ने कहा था कि ‘कश्मीर के मुद्दे पर वो मुसलमान देशों के साथ हैं.’

एस. जयशंकर ने बताया, “मैंने उनके समक्ष ये मुद्दा उठाया और बताया कि ये बयान आलोचनीय क्यों है. हमने उनसे कहा कि चीन भारत को लेकर अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर चलेगा और किसी और देश को इसे प्रभावित नहीं करने देगा.”

अफ़ग़ानिस्तान और यूक्रेन पर भी हुई चर्चा

एस. जयशंकर ने कहा, “अप्रैल 2020 में चीन की गतिविधियों की वजह से भारत और चीन के बीच रिश्तों में खलल पड़ गया था. इस मुलाक़ात के दौरान हमने अपने द्वपक्षीय रिश्तों पर गर्मजोशी के माहौल में चर्चा की.”

अप्रैल 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख के गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी जिसमें दोनों ही देशों के सैनिकों ने जान गंवाई थी. तब से ही भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.

जयशंकर ने कहा कि इस दौरान अफ़ग़ानिस्तान और यूक्रेन जैसे अहम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके अलावा शिक्षा, ट्रैवल और कारोबार जैसे विषयों पर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हुई.

‘भारत की राष्ट्रीय भावना को रखा’

एस. जयशंकर ने कहा कि, “भले ही हम दोनों ने एक दूसरे के देशों की यात्रा नहीं की थी लेकिन पिछले दो साल से वांग यी और मैं संपर्क में थे. हम कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिले थे. सितंबर 2020 में हम मॉस्को में मिले थे. इसके बाद हम दुशांबे में मिले. इस दौरान हमने कई बार फोन पर भी वार्ता की है. हमारी बातचीत के केंद्र में बॉर्डर एरिया के हालात ही रहे हैं और हम तनाव कम करने पर सहमत हुए हैं. “

जयशंकर ने ये भी कहा कि भले ही डिसएंगेजमेंट और तनाव कम करने को लेकर समहति बनी हो लेकिन ज़मीन पर चीज़ों को लागू करना चुनौतीपूर्ण रहा है.

जयशंकर ने कहा, “हमारे सीनियर कमांडरों ने 15 दौर की वार्ता की है और डिसएंगेजमेंट (पीछे हटने) को लेकर सहमति बनी है. तनाव कम करने के लिए ऐसा ज़रूरी भी है.” 

जयशंकर ने ये भी कहा कि बॉर्डर एरिया में तनाव कम करन के लिए काम चल रहा है लेकिन इसकी गति उतनी नहीं है जितनी की होनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा, “विदेश मंत्री वांग यी के साथ आज हमारी वार्ता भी इस प्रक्रिया को तेज़ करने पर ही केंद्रित थी. बॉर्डर एरिया के हालात का असर हमारे रिश्तों पर भी नज़र आया है. स्थिर और सहयोगपूर्ण रिश्तों के लिए सीमावर्ती इलाक़ों में शांति और स्थिरता ज़रूरी है.”

उन्होंने कहा, “हमारे बीच ऐसे समझौते थे जिनसे हालात को यहां तक पहुंचने से रोका जा सकता था जैसे कि अब हैं. मैंने चीन के विदेश मंत्री के समक्ष भारत की राष्ट्रीय भावना को रखा है. हमने स्पष्ट किया है कि सीमावर्ती इलाक़ों में तनाव और सेना की तैनाती के साथ सामान्य रिश्ते नहीं रह सकते हैं.”

- Advertisement -
Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here