नई दिल्ली: दिल्ली में टेंटों में रहने वाले लगभग 1,100 रोहिंग्याओं को जल्द ही बुनियादी सुविधाओं और 24 घंटे सुरक्षा से लैस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्याओं के आवास को लेकर पर मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव नरेश कुमार ने की, जिसमें दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
जुलाई के अंतिम सप्ताह में भी इस संदर्भ में एक बैठक हुई थी। इसमें इस बात भी चर्चा हुई थी शिविर में आग लगने की घटना के बाद दिल्ली सरकार ने मदनपुर खादर इलाके में रोहिंग्याओं को जिन टेंटों में शिफ्ट किया, उसके लिए लगभग सात लाख रुपये प्रति माह का किराया वहन कर रही है। बैठक में मौजूद रहे एक अधिकारी के अनुसार, ”इन शरणार्थियों को जल्द ही बाहरी दिल्ली के बक्करवाला गांव में नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी से संबंधित कुल 250 फ्लैट हैं जहां सभी 1,100 रो¨हग्या वर्तमान में मदनपुर में रह रहे हैं। खादर शिविर, को समायोजित किया जाएगा।” बैठक में दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया गया कि जिस परिसर में ये फ्लैट स्थित हैं, वहां सुरक्षा मुहैया कराएं। दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग को नए परिसर में पंखा, तीन वक्त का खाना, लैंडलाइन फोन, टेलीविजन और मनोरंजन सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
दिल्ली सरकार को फ्लैट को बुनियादी सुविधाओं से लैस करने और इसे एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) को सौंपने का आदेश दिया गया है, जो इन फ्लैटों में रो¨हग्याओं के स्थानांतरण का सम्मान करेगा।सनद रहे कि सभी रोहिंग्याओं जिन्हें इन फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा, उनके पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) की विशिष्ट आइडी है और उनका विवरण रिकॉर्ड में है।