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Friday, March 29, 2024

हिन्दुत्ववादी आतंकियों के मुस्लिम विरोधी अभियान की अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस, रूस, पाकिस्तान में आलोचना हो रही है : मोदी सरकार ने चुप्पी साध रखी है

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भारत में कट्टर हिन्दुत्ववादी नेताओं के मुस्लिम विरोधी अभियान की विदेशी मीडिया में काफ़ी आलोचना हो रही है. कहा जा रहा है कि मुस्लिम विरोधी नफ़रत पर मोदी सरकार ने चुप्पी साध रखी है.

मुसलानों के ख़िलाफ़ खुलेआम नफ़रत भरी बातें करने वाले कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता यति नरसिम्हानंद ने पिछले हफ़्ते हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया था.

इस धर्म संसद में दिए गए भाषण के वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं. वीडियो क्लिप में मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा और हिन्दुओं को हथियार उठाने के लिए कहा जा रहा है.

गुरुवार को इस मामले में उत्तराखंड पुलिस ने वसीम रिज़वी उर्फ़ जितेंद्र नारायण त्यागी समेत अन्य लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है. वसीम रिज़वी उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन थे. रिज़वी ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि उन्होंने इस्लाम छोड़ हिन्दू धर्म अपना लिया है. हरिद्वार की धर्म संसद में रिज़वी की क्या भूमिका थी, ये स्पष्ट नहीं है.

ब्रिटेन की सांसद नाज़ शाह ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत वाले हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यक्रम का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, ”यह 1941 का नाज़ी जर्मनी नहीं है. यह 2021 का भारत है. मुसलमानों को मारने की अपील की जा रही है. यह अब हो रहा है. जो इसे अतिवादी समूह कह रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि हिटलर ने भी शुरुआत ऐसे ही की थी. इस मामले में वैश्विक विरोध कहाँ है?”

Naz Shah MP 💙
@NazShahBfd
This is not 1940’s Nazi Germany

This is 2021 #HaridwarlGenocidalMeet in India.Calling for the killing of Muslims

This is happening now.

For those who say it’s a fringe group, Hitler was once also considered to be a part of the ‘fringe’

Where is the global outcry?

वहीं बाइलाइन टाइम्स के विदेशी संवाददाता सीजे वरलेमन ने दिल्ली में हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यक्रम का वीडियो क्लिप ट्विटर पर पोस्ट किया है. इस क्लिप में कट्टर हिन्दूवादी नेताओं के भाषण का अंग्रेज़ी में अनुवाद भी है. वरलेमन ने वीडियो क्लिप की एक लाइन अंग्रेज़ी में लिखी है- हिन्दू राष्ट्र के लिए हम लड़ने और मारने के लिए तैयार हैं.

न्यू जर्सी स्थित रकर्स यूनिवर्सिटी में दक्षिण एशियाई इतिहास की प्रोफ़ेसर ऑड्री ट्रुश्के ने भी इससे जुड़ी ख़बर को ट्वीट करते हुए लिखा है, ”एक समाज जनसंहार को रोकना चाहता है. इससे जुड़े कार्यक्रमों को रोका जाता है और गिरफ़्तारियां होती हैं ताकि फिर से ना हो. मोदी के भारत में? बीजेपी के नेता ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं और कोई गिरफ़्तारी नहीं होती है.”

धर्म संसद
17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में दिल्ली बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय भी शामिल हुए थे. इसी धर्म संसद के वीडियो में दिख रहा है कि हिन्दुत्ववादी नेता और साधु, मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिन्दुओं से हथियार उठाने की अपील कर रहे हैं.

दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कोलकाता से प्रकाशित अंग्रेज़ी दैनिक टेलिग्राफ़ से कहा है कि वह धर्म संसद में केवल 19 दिसंबर को 30 मिनट के लिए थे और उनके सामने नफ़रत भरा कोई भाषण नहीं दिया गया था. इसी साल अगस्त महीने में उपाध्याय को दिल्ली के जंतर मंतर पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा फैलाने वाले नारे लगाने के मामले में कुछ समय के लिए गिरफ़्तार किया गया था.

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