सियासी माहौल में क्या हुआ ये उन्हें नहीं मालुम. कुछ मजबूरियां रही होंगी (समाजवादी पार्टी के लिए) उस पर मुझे कोई शिकवा-शिकायत नहीं है. हम भी सोचेंगे कि हमारी नीयत, वफादारी, मेहनत में कहां कमी रह गई कि हम घृणा के पात्र बन गए’. आजम खान के इस बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह पार्टी आलाकमान से कितना खफा हैं।
हालांकि वह यह भी कह रहे हैं कि उन्हें पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है. आजम खान ने कहा कि मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरे लिए प्रार्थना की और सहानुभूति रखी। चाहे वह सपा, बसपा, कांग्रेस, टीएमसी, या यहां तक कि भाजपा हो, सभी दलों को कमजोर लोगों के बारे में सोचने की जरूरत है।
अखिलेश यादव ने जताई थी खुशी
सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद सपा प्रमुखा आजम खान ने खुशी जाहिर की थी।
अखिलेश ने ट्वीट कर कहा था कि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के जेल से रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। उन्हें उम्मीद है वह सभी झूठे मामलों में बाइज्जत बरी होंगे। झूठ के लम्हें होते हैं, सदिया नहीं। बता दें कि कथित भूमि हथियाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत के बाद आजम खान जेल से 27 महीने बाद रिहा हुए हैं।
वह सीतापुर जेल (Sitapur Jail) में बंद थे। उन्हें लेने के लिए उनके दोनों बेटे और शिवपाल यादव भी सीतापुर जेल पहुंचे थे। 27 महीने बाद जेल से रिहा होने के बाद आजम खान सीधे रामपुर पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को आजम खान को जमानत दे दी थी।
कोर्ट के आदेश की काफी 20 मई को सीतापुर जेल पहुंची थी। इसके बाद उन्हें रिहा किया गया था। आजम खान पर जमीन पर अवैध कब्जा करने समेत करीब 90 मामले दर्ज हैं। उन्हें 88 मामलों में जमानत मिल चुकी है।