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Sunday, June 4, 2023
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एयर इंडिया ही नहीं एसबीआई भी है प्राइवेट सेक्टर की देन, जानें सबसे बड़े बैंक के सरकारी होने की कहानी

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सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) की नीलामी में टाटा समूह (Tata Group) की बोली मंजूर होने के बाद प्राइवेटाइजेशन (Privatisation) पर नई बहस शुरू हो गई है। प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल (Principal Economic Adviser Sanjeev Sanyal) ने इस बीच टिप्पणी कर दी है कि जिन सरकारी कंपनियों को बेचा जा रहा है, उनमें से ज्यादातर निजी क्षेत्र की बनाई हुई हैं। आपको शायद यह मालूम नहीं होगा कि देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) को भी प्राइवेट सेक्टर ने ही बनाया है।

200 साल पुराना है SBI का इतिहास

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रिजर्व बैंक के एक दस्तावेज (Memoranda to the Central Board and Committee of Central Board) के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) की कहानी 1806 में शुरू हुई थी। भारत के सबसे शुरुआती बैंकों में से एक बैंक ऑफ कलकत्ता (Bank Of Kalkatta) की स्थापना दो जून 1806 को की गई थी। बाद में इसका नाम बदलकर बैंक ऑफ बंगाल (Bank Of Bengal) कर दिया गया था। इसी तरह 15 अप्रैल 1840 को बैंक ऑफ बॉम्बे (Bank Of Bombay) और एक जुलाई 1843 को बैंक ऑफ मद्रास (Bank Of Madras) की स्थापना हुई थी।

1955 में सामने आया SBI

इन तीनों प्रेसिडेंसी बैंकों को 27 जनवरी 1921 को आपस में मिला दिया गया। इसके बाद जो संयुक्त बैंक अस्तित्व में आया, उसे इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank Of India) का नाम दिया गया। देश की आजादी के बाद 1955 में इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया। नेशनलाइजेशन (Nationalisation) के बाद इसका नाम बदल दिया गया और भारतीय स्टेट बैंक सामने आया।

कई प्रेसीडेंसी बैंकों को मिलाने से SBI बना सबसे बड़ा बैंक

एसबीआई के देश के सबसे बड़े बैंक बनने की यात्रा 1959 में शुरू हुई। State Bank of India (Subsidiary Banks) Act कानून बनाकर सरकार ने प्रिंसली स्टेट के आठ बैंकों को एसबीआई की अनुषंगी बना दिया। बाद में बैंक ऑफ बिहार, नेशनल बैंक ऑफ लाहौर, सिंधिया परिवार के कृष्णराम बदलेव बैंक, बैंक ऑफ कोचिन आदि को एसबीआई में मिला दिया गया।

बाद में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पाटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, भारतीय महिला बैंक आदि अनुषंगियों को पूरी तरह से एसबीआई में मिला दिया गया। इसने एसबीआई को भारत का सबसे बड़ा बैंक बना दिया।

1969 में इंदिरा गांधी सरकार ने किया 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण

बैंकों के राष्ट्रीयकरण (Nationalisation Of Banks) होने से पहले लगभग सारे बैंक निजी क्षेत्र के पास थे। 1969 में 14 सबसे बड़े बैंकों को सरकारी बनाया गया। बाद में 1980 में छह अन्य प्राइवेट बैंकों को भी सरकार ने अपने हाथों में ले लिया। इस तरह 20 नए सरकारी बैंक अस्तित्व में आए। बाद में सरकारी बैंकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई। हालांकि पिछले साल 10 सरकारी बैंकों के विलय के बाद अब इनकी संख्या 12 रह गई है।

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