औरंगाबाद (महाराष्ट्र): ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद इम्तियाज जलील (Imtiaz Jalil) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद शहर (Aurangabad) में महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) की एक प्रतिमा लगाये जाने का विरोध किया है. इम्तियाज जलील ने कहा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने के बजाय यह पैसा उनके नाम पर एक सैन्य स्कूल बनाने में खर्च किया जाना चाहिए.
महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने का विरोध
बता दें कि औरंगाबाद (Aurangabad) नगर निगम ने शहर के कनॉट इलाके में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने का फैसला किया है. इस पर AIMIM के नेता विरोध जता रहे हैं. AIMIM के सांसद इम्तियाज जलील (Imtiaz Jalil) ने जिले के प्रभारी मंत्री सुभाष देसाई को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का नाम उनकी वीरता के कारण इतिहास में अमर है लेकिन 90 लाख रुपये खर्च कर उनकी प्रतिमा लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा.
AIMIM ने उद्धव सरकार को लिखा पत्र
जलील ने कहा कि अगर महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) को असली श्रद्धांजलि देनी है तो उनके नाम पर एक ‘सैनिक स्कूल’ स्थापित करना चाहिए. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के युवा पर एडमिशन लेकर सैन्य प्रशिक्षण का लाभ उठा सकें.
शिवसेना ने AIMIM की आलोचना की
AIMIM के इस रुख की शिवसेना (Shiv Sena) ने आलोचना की है. पार्टी के स्थानीय नेता और विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने ट्वीट कर कहा कि महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) ‘हिंदुत्व के गौरव’ हैं. उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम सांसद को प्रतिमाओं से अच्छे काम के लिए प्रेरणा नहीं मिल सकती है, लेकिन हमें मिलती है.
‘स्कूल बनाने के लिए केंद्र से कहें जलील’
अंबादास दानवे ने कहा कि जलील को केंद्र सरकार की योजना के तहत एक सैनिक स्कूल बनवाना चाहिए. साथ भी यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जिले में केंद्रीय विद्यालय का विस्तार हो. जिससे इलाके के बच्चों को पढ़ने का बेहतर अवसर मिल सके.