यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव कई सीटों पर अपना उम्मीदवार बदल चुके हैं। खासकर पूर्वांचल रीजन में जहां बीजेपी और सपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। सपा ने मुख्तार अंसारी के बाद अब उनके बड़े भाई सिबगतुल्लाह का भी टिकट काट दिया है। कहा जा रहा है कि इस बार अखिलेश हर सीट पर आखिरी समय तक के समीकरण को ध्यान में रखते हुए ये फैसला ले रहे हैं। इसके अलावा सपा के एक नेता टिकट कटने पर सरेआम फूट-फूटकर रोने लगे।
समाजवादी पार्टी गठबंधन में शामिल सुभसपा ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को टिकट ना देकर उनके बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा है। इसके अलावा मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह से भी सपा ने टिकट वापस लेकर उनके बेटे अंसारी मन्नू को दे दिया है। पूर्वांचल की राजनीति में अंसारी परिवार का काफी वर्चस्व है।
बताया जा रहा है कि टिकट बदलने और काटने का फैसला अखिलेश काफी सोच समझकर कर रहे हैं। अखिलेश यादव इस बार चुनाव में धुव्रीकरण की राजनीति से अलग लड़ाई चाह रहे हैं। इसके साथ ही वो बाकी पार्टियों के उम्मीदवारों के समीकरण के हिसाब से भी अपने उम्मीदवार लास्ट समय में बदल दे रहे हैं ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। हालांकि विरोधी पार्टियों का कहना है कि अखिलेश को अपने उम्मीदवारों पर भरोसा नहीं है। वो डर रहे हैं।
वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल अंसारी टिकट कटने पर सबके सामने ही फूट-फूट कर रोने लगे। अंसारी 2007 में बनारस उत्तरी सीट से विधायक बने थे। 2012 में पाला बदले और कांग्रेस से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए, इसके बाद 2017 में सपा-कांग्रेस गठबंधन से चुनावी मैदान में उतरा, लेकिन जीत नहीं सके। इस बाद भी अंसारी को उम्मीद थी कि उन्हें सपा की ओर से टिकट मिल जाएगा। उन्होंने तैयारियां भी कर ली थीं, लेकिन अखिलेश यादव ने अशफाक अहमद डब्लू को टिकट दे दिया।
टिकट कटने के बाद अब्दुल अंसारी फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कहा कि उन्हें आखिरी समय तक भरोसा दिया गया था कि उन्हें टिकट मिल रहा है, ऐन समय में टिकट काट दिया गया। उन्होंने कहा कि अब गांव के बड़े-बुजुर्ग जो फैसला लेंगे उसमें वो और उनके कार्यकर्ता साथ देंगे।