मुजफ्फरनगर. लखीमपुर खीरी की घटना के बाद रविवार देर रात सिसौली में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के आवास पर आपातकालीन पंचायत बुलाई गई। इस दौरान भाकियू प्रमुख चौधरी नरेश टिकैत ने भाजपा नेताओं को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा के विधायक और मंत्री किसी भी गांव में कोई भी सभा करने से परहेज करें। भाजपा सरकार के प्रति किसानों में इतना गुस्सा है कि कहीं भी किसी भी प्रकार की कोई भी घटना उनके साथ घट सकती है। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की कि वे कहीं भी रास्ते जाम न करें और किसी भी कीमत पर आंदोलन को हिंसात्मक न होने दें
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद जहां प्रदेश में किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं, मुजफ्फरनगर में किसानों की राजधानी सिसोली में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के आह्वान पर रविवार देर रात किसानों की आपातकालीन पंचायत बुलाई गई। जिसमें लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर किसानों में काफी आक्रोश और गुस्सा दिखाई दिया। किसानों ने सरकार से निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की। पंचायत को संबोधित करते हुए चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना से सरकार ने अपना अमानवीय चेहरा दर्शा दिया है। जब सरकार किसान आंदोलन को नहीं कुचल पाई तो किसानों को ही गाड़ी के नीचे कुचलना शुरू कर दिया है। सरकार ने यह घटना करके अपने ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है
‘भविष्य में कोई घटना घटी तो सरकार के नुमाइंदे खुद जिम्मेदार’
उन्होंने कहा कि हम पहले भी कई बार बता चुके हैं कि जब तक किसान आंदोलन चल रहा है, भाजपा का कोई मंत्री व विधायक किसी भी गांव में कोई भी सभा करने से परहेज रखें, क्योंकि भाजपा सरकार के प्रति किसानों में इतना गुस्सा है कि कहीं भी किसी प्रकार की कोई घटना उनके साथ घट सकती है। आगे भी अगर भविष्य में कोई घटना घटती है तो यह सरकार और उसके नुमाइंदे स्वयं जिम्मेदार होंगे। चौधरी नरेश टिकैत ने किसानों व युवाओं को समझाते हुए कहा की हमें यह आंदोलन आगे भी शांतिपूर्वक चलाना है। हमें यह ध्यान रखना है कि आंदोलन किसी भी प्रकार से भी हिंसात्मक ना होने पाए। इसलिए जो भी निर्णय संयुक्त मोर्चा लेगा हम उसी पर आगे की कार्रवाई करेंगे।
‘सरकार के पतन के दिन नजदीक’
टिकैत ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी किसान या संगठन किसी भी प्रकार की सड़क जाम और कोई ऐसी अप्रिय घटना ना करे, जिससे यह आंदोलन बदनाम हो जाए। सरकार के पतन के दिन नजदीक आ चुके हैं। इसलिए यह सरकार किसान आंदोलन से बौखलाई हुई है। इसे वापसी का कोई भी रास्ता नजर नहीं आ रहा है। सरकार के सभी हथकंडे फेल हो चुके हैं। इसीलिए वह अब इस आंदोलन को किसी भी प्रकार से कुचलना चाहती है। हम ऐसा होने नहीं देंगे। इसलिए सभी भाई शांति बनाए रखें और इस आंदोलन को भटकने ना दें