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Friday, April 26, 2024

अफगानिस्तान में ‘तालिबान’ को बड़ा झटका, विद्रोहियों ने छिने 3 जिले

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नई दिल्ली. अफगानिस्तान में सरकार बनाने के प्रयासों में लगे तालिबान (Taliban) को बड़ा झटका लगा हैं. देश की स्थानीय न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक स्थानीय विरोधी गुटों (Local Rebel Groups) ने तालिबान के कब्जे से बाघलान प्रांत के तीन जिलों को आजाद करा लिया है. इन जिलों के नाम हैं पोल-ए-हेसर, हेड सहाल और बानो. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस लड़ाई में कई तालिबान लड़ाके भी मारे गए हैं.

कहा जा रहा है कि इस वक्त तालिबान के तकरीबन सभी बड़े नेता राजधानी काबुल में है. विभिन्न इलाकों के कमांडर भी अपनी पोजीशन मजबूत करने और टॉप लीडरशिप से नजदीकी बढ़ाने के लिए काबुल में ही हैं. इस कारण विभिन्न इलाकों में तालिबान लड़ाके नेतृत्वविहीन स्थिति में हैं. इसी का फायदा स्थानीय विरोधी गुट उठा रहे हैं.

तालिबान का शासन पूरे अफगानिस्तान पर नहीं है-सर्गेई लावरोव
इस बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी कहा है-तालिबान का शासन पूरे अफगानिस्तान पर नहीं है.’ उन्होंने माना है कि पंजशीर प्रांत में सशस्त्र विद्रोह की शुरुआत हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पंजशीर में अफगानिस्तान सेना के प्रशिक्षित जवान इकट्ठा हो रहे हैं. इनमें अफगान स्पेशल फोर्स के भी जवान हैं जिन्हें वहां सबसे बेहतर सैनिकों में गिना जाता है.

सालेह के गुट में दोस्तम के शामिल होने की भी खबरें
इससे पहले खबर आई थी कि पंजशीर में तालिबान विरोधी गुट मजबूत होने लगा है. अफगानिस्तान में ताजिक मूल के लोगों में हीरो के तौर पर पहचान रखने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अमहद मसूद इस विद्रोह के अगुवा हैं. मसूद के साथ खुद को अफगानिस्तान का केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह भी इसके नेता हैं. लेकिन अब इन दोनों के साथ एक ऐसे वारलॉर्ड का नाम भी शामिल हो गया है जिसे तालिबान के खिलाफ पटखनी देने के लिए पहचाना जाता है. अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति और देश के ताकतवर वारलॉर्ड अब्दुल रशीद दोस्तम के भी विरोधी गुट में शामिल होने की खबरें हैं.

द ट्रिब्यून पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक विरोधी गुट के नेताओं ने यह दावा किया है कि उन्हें अब्दुल रशीद दोस्तम का साथ मिल चुका है. गुट का कहना है कि दोस्तम की उज्बेक सेना भी अब उनकी तरफ से लड़ेगी. कहा जा रहा है कि दोस्तम के साथ विरोधी गुट के नेताओं की जल्द बैठक होगी और फिर साथ मिलकर आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी.

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Jamil Khan
Jamil Khan
जमील ख़ान एक स्वतंत्र पत्रकार है जो ज़्यादातर मुस्लिम मुद्दों पर अपने लेख प्रकाशित करते है. मुख्य धारा की मीडिया में चलाये जा रहे मुस्लिम विरोधी मानसिकता को जवाब देने के लिए उन्होंने 2017 में रिपोर्टलूक न्यूज़ कंपनी की स्थापना कि थी। नीचे दिये गये सोशल मीडिया आइकॉन पर क्लिक कर आप उन्हें फॉलो कर सकते है और संपर्क साध सकते है

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