मुंबई: देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है। कोरोना की वजह से इस वक़्त पूरा देश परेशान है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है। जिसके चलते राज्य में फिर एक बार लॉकडाउन लग गया था। ऐसे में नेता हो या अभिनेता कोई भी कोरोना के कहर से नहीं बच पा रहा है। लॉकडाउन के बीच टीवी के कई सीरियल की शूटिंग रुक गई थी। जिस वजह से मुंबई में बसने वाले छोटे-मोटे कलाकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ,ये सभी अब एक तरह से बेरोजगार हैं।
ऐसे में अब जावेद हैदर (Javed Haider) एक कैरेक्टर आर्टिस्ट हैं और बचपन से उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है। लेकिन आज वो मुफलिसी की जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं। जावेद ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ‘यादों की बारात’ से की थी। आप सभी को हम यह भी बता दें, यह फिल्म 1973 में रिलीज हुई थी और बचपन से एक्टिंग कर रहे जावेद हैदर अब तक कई अनगिनत फिल्मों का हिस्सा रहे हैं।

लेकिन अब इन दिनों उनके पास काम नहीं है और इस वजह से उन्हें बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब आर्थिक तंगी के चलते उन्हें अपने बेटी के स्कूल की फीस भरने में भी परेशानी हो रही है और उनकी बेटी को स्कूल से निकाल दिया गया।
जावेद ने एक वेबसाइट से बातचीत में जावेद ने कहा, ‘मेरी एक बेटी है, जो क्लास 8 में पढ़ती है। एक पिता होने के नाते मेरी कोशिश है कि मैं उसे बेहतर तालीम दिला सकूं। पहले जबतक काम चल रहा था, तो कोई दिक्कत नहीं आई। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हालात खराब होते जा रहे हैं। मेरी बेटी की ऑनलाइन क्लास चल रही है। तीन महीने की फीस तो उन्हें माफ की गई थी, लेकिन फिर हमें हर महीने लगभग 2500 रुपये भरने होते थे। ऐसे में मैं स्कूल गया और वहां एडमिनिस्ट्रेशन से बात की, तो उन्होंने यह कहा कि तीन महीने तो माफ किए थे।’
जावेद ने आगे बताया ‘मुझे समझ नहीं आता है कि स्कूल हम जैसे पैरेंट्स पर रहम क्यों नहीं करती है। लॉकडाउन होने की वजह से पिछले दो साल से बेटी की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है। मैं वक्त में फीस भी जमा करता रहा। पिछले कुछ महीनों से फीस जमा नहीं कर पाया। ऐसे में उन्होंने मेरी बेटी को ऑनलाइन क्लास से निकाल दिया। कहीं से पैसे जमाकर जब फीस भरी, तब जाकर उसे बिठाया था।’
वहीँ अपनी स्थिति के बारे में बताते हुए जावेद ने यह भी कहा कि, ‘मुझसे कई बार लोगों ने कहा कि मैं उनसे मदद मांग लूं। थोड़ा बहुत नाम कमाया है। ऐसे में बोलने में भी शर्म आती है कहीं जुबान खराब हो जाए। पैसा ऐसी चीज होती है कि कभी आपने मांगा और सामने वाले ने आपको इग्नोर करना शुरू कर दिया, तो मुसीबत हो जाती है। कई कई बार आप काम के लिए कॉल कर रहे होते हैं, तो भी वो आपको इग्नोर करता चलता है। डर यही रहता है कि जो काम मिलने वाला भी होता है, वो हाथ से निकल न जाए। इसलिए नॉन फिल्मी दोस्तों से उधार या फिर बीवी के जेवर व घर के पेपर को गिरवी रखकर ही हम जैसे लोग काम चलाते हैं।’