उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले में एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ अपनी पत्नी को मुसलमान बनाने की कोशिश के मामले में प्रदेश के नए धर्मांतरण रोधी क़ानून के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है.
इस ख़बर को अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने प्रमुखता से जगह दी है. अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, यह व्यक्ति पेशे से ट्रक ड्राइवर है और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में उसे हाल ही में ज़मानत दी थी. हाई कोर्ट में इस व्यक्ति ने कहा है कि वो और उसकी पत्नी दोनों हिन्दू हैं.
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, 26 जून को 28 साल के विजय कुमार सोनकर के ख़िलाफ़ खखरेरू पुलिस स्टेशन पर उत्तर प्रदेश अवैध धर्मांतरण निषेध अध्यादेश 2020 के सेक्शन तीन, पाँच (1) के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई थी. सोनकर के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 295, 323 और 506 के तहत भी मामले दर्ज किए गए थे.
अख़बार से फ़तेहपुर के एएसपी राजेश कुमार ने कहा कि सोनकर के ख़िलाफ़ 22 साल की उनकी पत्नी पूनम देवी ने शिकायत की थी कि उन पर और उनके परिवार पर इस्लाम अपनाने का दबाव डाला जा रहा है.
राजेश कुमार ने जून महीने में कहा था कि सोनकर को कथित तौर पर एक मुस्लिम ट्रक ड्राइवर दोस्त ने इस्लाम अपनाने में मदद की थी. छह जुलाई को एक स्थानीय कोर्ट ने सोनकर को इस मामले में बेल देने से इनकार कर दिया था.
प्रताड़ना
ज़मानत ख़ारिज होने के आदेश के अनुसार, पूनम देवी ने कहा है कि उनके पति चाहते थे कि वो मुसलमान बन जाएं. 25 जून कोपूनम देवी ने अपने पति पर इस्लाम अपनाने के लिए प्रताड़ित और अपमानित करने का आरोप लगाया था. पूनम देवी ने कहा है कि जब उनके पति ने इस्लाम कुबूल करने के लिए मारा तो उनके ससुर ने रोका नहीं.
वहीं सोनकर के वकील ने कोर्ट में कहा है कि उन्हें इस मामले में फँसाया गया है. सोनकर के वकील के अनुसार, जिस दिन उन पर यह आरोप लगा उसी दिन घर में आपसी विवाद हुआ था. पड़ोस में दुश्मनी रखने वाले कुछ लोगों ने सोनकर की पत्नी को मनगढ़ंत आरोपों पर एफ़आईआर दर्ज कराने के लिए राज़ी किया था.
सोनकर ने भी कहा है कि पूनम के साथ उनका शादीशुदा जीवन ठीक से चल रहा था और इस्लाम कुबूल करने के लिए दबाव डालने का आरोप झूठा है.
वहीं ज़मानत का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा है कि सोनकर के घर से क़ुरान और अन्य आलेख मिले हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायधीश विनोद कुमार चौरसिया ने सोनकर को बेल देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि सोनकर के ख़िलाफ़ बहुत ही संगीन मामले हैं.
इसके बाद सोनकर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में संपर्क किया. 27 सितंबर को जस्टिस संजय कुमार पचौरी ने सोनकर को बेल दे दी. सोनकर ने हाई कोर्ट में कहा कि वे और उनकी पत्नी दोनों हिन्दू हैं.
पाकिस्तानी हिन्दू परिवारों को बिजली कनेक्शन देने का केंद्र ने किया विरोध
इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के अनुसार, उत्तरी दिल्ली के आदर्श नगर में 200 पाकिस्तानी हिन्दू प्रवासी परिवारों को बिजली का कनेक्शन दिलवाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका का केंद्र ने विरोध किया है.
केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा है कि डीजेबी मैदान में पाकिस्तानी हिन्दू परिवारों का कैंप अवैध है. केंद्र ने कहा है कि यह रक्षा मंत्रालय की ज़मीन है. कोर्ट ने पिछले हफ़्ते दिल्ली सरकार और केंद्र को इस याचिका को लेकर नोटिस भेजा था ताकि पाकिस्तान से भारत में आए हिन्दू परिवारों को राहत मिल सके.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने कोर्ट में कहा है कि 70.253 एकड़ ज़मीन अगस्त 2018 में डीआरडीओ को ट्रांसफ़र कर दिया गया था और यहाँ से लगातार अवैध अतिक्रमण को हटाया जा रहा है. मंत्रालय ने अवैध कॉलोनियों से बिजली और पानी का कनेक्शन काटने के लिए कहा है. रक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे को दिल्ली जल बोर्ड और उत्तरी दिल्ली पावर लिमिटेड के सामने उठाया है.