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Thursday, September 28, 2023
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उदयपुर के दर्जी का सर कलम करने वाला रियाज 3 साल से जा रहा था बीजेपी के प्रोग्राम में, पार्टी से जुड़े होने का भी दावा

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उदयपुर हत्याकांड को लेकर सियासत से अदालत तक वैचारिक चीर-फाड़ शुरू हो गई है. हत्याकांड के आरोपियों के उसी छिपे हुए सच की तफ्तीश आज तक की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने की है. उदयपुर की गलियों में रियाज़ अत्तारी के और कौन से राज़ छिपे हैं. और कौन है रियाज़ का वो राज़दार जो क़त्ल की वारदात के बाद से ग़ायब है. इसकी जानकारी ऑपरेशन उदयपुर में मिलेगी. पढ़िए, आजतक की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम की ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

आज तक की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने उदयपुर की गलियों में वो सच कुरेदा है. वो कहानी ढूंढ़ निकाली है जिससे कन्हैया के क़त्ल के पीछे का मक़सद समझ में आ सकता है.

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एक शख्स ने पर्दाफाश किया कि पिछले तीन साल से बीजेपी के कार्यक्रमों में रियाज़ अत्तारी क्यों शामिल हो रहा था. रियाज़ के उन छिपे राज़ की तह तक पहुंचने के लिए आजतक की एसआईटी उस शख्स तक पहुंची. जिसकी मदद से रियाज़ बीजेपी के कार्यक्रमों में शामिल होता था. इरशाद चैनवाला राजस्थान में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे में प्रदेश कार्यकारिणी का सदस्य है. करीब तीन साल पहले एक तस्वीर ली गई थी जिसमें रियाज़ के साथ इरशाद नज़र आता है. बीजेपी की पगड़ी पहने इरशाद के साथ रियाज़ की तस्वीर से कई सवाल खड़े हो रहे थे. तस्वीर की तफ्तीश के बारे में इरशाद चैनवाला ने ये खुलासा किया कि रियाज़ उदयपुर में बीजेपी के कार्यक्रमों में अक्सर शामिल हुआ करता था.

स्टिंग ऑपरेशन में रिपोर्टर ने पूछा, ये आपका ही है ना फोटो. इरशाद चैनवाला ने कहा हां ये मेरी फोटो है.

रिपोर्टर- वो उमराह करके आया था?

इरशाद चैनवाला- हां उमराह करके आया था, वो अपुन स्वागत करने माला पहनाने गए थे.

रिपोर्टर- वो भी बीजेपी के प्रोग्राम में आता था न?

इरशाद चैनवाला- आता था तो किसी के साथ में आता था.

इरशाद चैनवाला- वो तो गुलाब जी के प्रोग्राम में कितनी बार आया है, यहां पर फोटो-वोटो क्लिक कराया बहुत सी बार.

रिपोर्टर- किसके प्रोग्राम में?

इरशाद चैनवाला- ये अपने बीजेपी के प्रोग्राम में.

रिपोर्टर- फिर किस तरह की बातें हुईं?

इरशाद चैनवाला- यही की अपुन भी पार्टी में काम करेंगे, ऐसा-वैसा तो ठीक है. जुड़ो, संगठन है सब लोग काम करो.

रिपोर्टर- ये कहता था कि बीजेपी गलत है?

इरशाद चैनवाला- हां, ये बाद में कहता था, इनके दोस्तों को किसी को बोलता होगा.

रिपोर्टर- हां

लेकिन स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम के मन में सवाल आया कि आखिर पहली बार रियाज बीजेपी के संपर्क में कैसे था आया. इरशाद ने वो भी कहानी बतायी.

एक तस्वीर रियाज़ के साथ मुहम्मद ताहिर की निकली. यही ताहिर अक्सर रियाज़ को बीजेपी के कार्यक्रमों में शामिल करने ले आता था.

रिपोर्टर- और ये ताहिर भाई कौन हैं?

इरशाद चैनवाला- ताहिर भाई अपने कार्यकर्ता हैं.

रिपोर्टर- कहां हैं?

इरशाद चैनवाला- ये सबीना में रहते हैं.

रिपोर्टर- ताहिर भाई उनसे ज्यादा करीब थे?

इरशाद चैनवाला- हां ताहीर भाई करीब थे उनसे.

ताहिर भाई की तलाश में निकली टीम, लेकिन नहीं लगा पता
आज तक की एसआईटी उस ताहिर भाई की तलाश में निकल पड़ी थी. लेकिन ताहिर भाई का फोन स्विच ऑफ़ था. किसी को नहीं पता ताहिर भाई कहां चले गए. यहां तक कि सबीना में किराये पर लिया गया उनका मकान भी अब खाली है. अब एनआईए के पास रियाज़ और गौस मुहम्मद हैं जो बता सकते हैं कि ये ताहिर भाई कौन है. और कन्हैयालाल की हत्या के बाद मकान खाली करके क्यों और कहां फरार हुआ है.

उदयपुर में हुई हत्या साधारण हत्या नहीं है
उदयपुर में हुई हत्या साधारण हत्या नहीं है. क्योंकि इसमें ईशनिंदा का एंगल है. इस हत्या की मॉडस ऑपरेंडी ऐसी थी, जिसने इसको ISIS जैसे खतरनाक संगठन से जोड़ा है. इस हत्या में शामिल दोनों हत्यारों ने अपने लिए विशेष तौर पर एक हैंडमेड चाकू तैयार किया था. वो चाहते तो चाकू खरीद भी सकते थे. वो चाहते तो चाकू के अलावा कोई और हथियार भी इस्तेमाल कर सकते थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि सांकेतिक रूप से इस तरह की हत्या में हैंडमेड हथियारों के इस्तेमाल का निर्देश पहले से ही मिलता रहा है.

बता दें कि मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ये दोनों ही पहले से ही कट्टर इस्लाम के अनुयायी थे. नुपुर शर्मा के बयान के बाद इनपर अलग-अलग संगठनों का नैतिक दबाव था कि ये कुछ ऐसा करें जिससे केवल उस इलाके या उस प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चा और दहशत हो. दोनों हत्यारों ने ऐसा ही किया.

उदयपुर हत्याकांड पर एनआईए की जांच जारी है. इस मामले में एनआईए को संदेह है कि इस हत्याकांड से केवल मुख्य आरोपी ही नहीं जुड़े हैं, बल्कि इससे एक ग्रुप भी जुड़ा हो सकता है. एनआईए ने आज दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. एनआईए इस मामले में आतंकी संगठनों के एंगल से जांच कर रही है.

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Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network
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