अहमदाबाद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत की विविधता कभी संघर्ष का कारण नहीं बनी। भारत में मुस्लिम समुदाय के 72 फिरके हैं, पारसियों ने भी अपना देश छोड़ने के बाद रहने के लिए भारत के गुजरात को ही पसंद किया।
स्वामीनारायण समुदाय के वडोदरा में आयोजित युवा संस्कार शिविर को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि भौतिक सफलता के बावजूद आध्यात्मिक कल्याण की तलाश जरूरी है। शंकराचार्य, राम, कृष्ण, मीरा, गुरुनानक की धरती ने दुनिया के कल्याण के लिए वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया। वेद, पुराण, उपनिषद, गीता, रामायण ने हमें ज्ञान दिया। इसी देश के राजकुल में जन्मा बालक भिक्षुक बनकर दुनिया को अहिंसा का संदेश देता है और एक साधारण बालक ब्राह्मण की मदद से अपना साम्राज्य स्थापित कर लेता है।
भारत ने कभी भेदभाव नहीं किया, यहां नारी को पूजनीय माना गया और वैदिक काल में स्ति्रयों को भी उपनयन एवं शास्त्रार्थ का अधिकार था। रक्षा मंत्री ने कहा भारत की विविधता कभी संघर्ष का कारण नहीं रही, आज भारत में मुस्लिम समुदाय के 72 फिरके रहते हैं।
भारत अपनी वैचारिक शक्ति से दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है, उथल-पुथल में फंसी दुनिया को आज भारत ही आध्यात्म का ज्ञान दे सकता है। गुजरात के सपूत नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही पांच लाख करोड़ डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी हासिल होगा।
महंगाई को लेकर दोष भावना न रखें भाजपा कार्यकर्ता : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि महंगाई ने अमेरिका जैसे धनी देशों को भी प्रभावित किया है इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं को इसे लेकर किसी तरह की दोष भावना नहीं रखनी चाहिए।
राजनाथ यहां पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘बढ़ती महंगाई के बारे में लगातार चर्चा चल रही है.. कोविड महामारी के दौरान पूरी अर्थव्यवस्था ठप थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने विवेक से अर्थव्यवस्था की हालत खराब नहीं होने दी और हमें इसकी सराहना करनी चाहिए।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई और आयात-निर्यात भी प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा, ‘इस हालात में स्वाभाविक है कि किसी भी देश पर इसका असर पड़ेगा। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया के सबसे धनी देश अमेरिका में महंगाई पिछले 40 साल में सबसे अधिक है। भारत में कम से कम इससे बेहतर स्थिति है। हमें दोष भावना नहीं रखनी चाहिए।’
मालूम हो कि अप्रैल में भारत में खुदरा महंगाई आठ साल में सबसे अधिक 7.8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई जबकि थोक महंगाई नौ साल में सबसे अधिक 15.1 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई।