दिल्ली: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि राज्य के आगामी बजट की 210 घोषणाओं को मंजूरी दी जा चुकी है और इनमें से कुछ घोषणाओं का लाभ शुक्रवार, यानी नए वित्त वर्ष से जनता को मिलने लगेगा.
गहलोत ने कहा कि इनमें चिरंजीवी योजना के तहत प्रति परिवार बीमा राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना व राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी नि:शुल्क होना शामिल है.
गहलोत ने कहा कि विपक्ष के लोग लोगों को गुमराह कर रहे थे कि ये बजट लागू कैसे होगा. बजट 2022-23 की अनुपालना में आज तक 210 घोषणाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है. इनमें से कुछ प्रमुख घोषणाएं निम्न हैं जिनका लाभ आज से मेरे प्रदेशवासियों को मिलेगा. गहलोत ने एक बयान में कहा कि ये बजट ऐसे ही लागू होगा. गहलोत के पास वित्त विभाग भी है. उन्होंने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट 23 फरवरी को पेश किया था.
100 यूनिट प्रतिमाह बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को 50 यूनिट बिजली नि:शुल्क मिलेगी:
उन्होंने कहा कि जिन घोषणाओं का लाभ जनता को कल शुक्रवार से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष से मिलने जा रहा है उनमें 100 यूनिट प्रतिमाह बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को 50 यूनिट बिजली नि:शुल्क मिलेगी. उन्होंने कहा कि समस्त घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक 3 रुपये प्रति यूनिट का अनुदान तथा 150 से 300 यूनिट तक के 2 रुपये प्रति यूनिट अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे 1.18 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे.
चिरंजीवी योजना की प्रति परिवार बीमा राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये:
उन्होंने कहा कि इसी तरह चिरंजीवी योजना की प्रति परिवार बीमा राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये होगी. उन्होंने कहा कि इससे 1.34 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि साथ ही राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी नि:शुल्क होगा. उन्होंने कहा कि एक महीने तक इस योजना का ‘ट्रायल’ चलेगा एवं इस दौरान आने वाली तकनीकी परेशानियों को दूर कर 1 मई से इस योजना को पूरी तरह लागू किया जाएगा.
मनरेगा योजना में 100 दिन के स्थान पर 125 दिन का रोजगार:
उन्होंने कहा कि इसी तरह मनरेगा योजना में 100 दिन के स्थान पर 125 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत पशुपालकों को दूध पर मिलने वाला अनुदान 2 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 5 रुपये प्रति लीटर होगा, इससे 5 लाख दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे.
ओपीएस लागू होने के कारण एनपीएस की 10% कटौती बन्द होगी:
गहलोत ने कहा कि साथ ही पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू होने के कारण 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के वेतन से नई पेंशन योजना (एनपीएस) की 10% कटौती बन्द होगी. उन्होंने कहा कि साथ ही, इन कर्मचारियों एवं परिवार के कैशलेस इलाज हेतु 5 लाख रुपये की सीमा के स्थान पर असीमित चिकित्सा सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे 5 लाख कर्मचारी एवं उनके परिवार लाभान्वित होंगे.