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Saturday, April 20, 2024

15 साल की मुस्लिम लड़की अपने पसंद के लड़के से शादी कर सकती है: झारखंड हाईकोर्ट

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झारखंड हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत 15 साल या उससे अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की अपने माता-पिता के कोई भी हस्तक्षेप के बीना अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर सकती है।

कोर्ट ने इस लॉ का हवाला देते हुए 15 साल की उम्र की एक लड़की से शादी करने वाले युवक के खिलाफ दर्ज एफआईआर और क्रिमिनल प्रोसिडिंग रद्द करने का आदेश किया।

ये था मामला

जमशेदपुर के जुगसलाई की रहने वाली एक 15 वर्षीय लड़की को बहला-फुसलाकर शादी करने का आरोप लगाते हुए उसके पिता ने बिहार के नवादा निवासी एक 24 वर्षीय युवक मो. सोनू के खिलाफ धारा 366A और 120B के तहत FIR दर्ज कराई थी। इस FIR पर क्रिमिनल प्रोसिडिंग को चुनौती देते हुए मो. सोनू ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि याचिका पर सुनवाई के दौरान ही लड़की के पिता ने अदालत में हलफनामा पेश कर कहा था कि अपनी पुत्री के विवाह पर उनका कोई एतराज नहीं है। उनकी बेटी को अल्लाह की मेहरबानी से नेक जोड़ीदार मिला है। उन्होंने गलतफहमी की वजह से मो. सोनू के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। सुनवाई के दौरान लड़की के वकील ने भी अदालत में बताया कि दोनों परिवार इस शादी को स्वीकार कर चुके हैं।

ये रहा कोर्ट का फैसला

सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एस.के. द्विवेदी की एकल पीठ ने युवक के खिलाफ दायर FIR और क्रिमिनल प्रोसिडिंग को रद्द करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह साफ है कि मुस्लिम लड़की का विवाह मुस्लिम पर्सनल लॉ द्वारा शासित होता है। लड़की की उम्र लगभग 15 वर्ष है और वह अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ विवाह करने को स्वतंत्र है।

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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