औरंगाबाद के एक किसान की खुशी का तब ठिकाना नहीं रहा जब उसके खाते में 15 लाख रुपये आ गए। उसने सोचा कि पीएम मोदी ने 2014 में घोषणा की थी कि काला धन वापस लाकर हर एक के खाते में 15-15 लाख डाले जाएंगे।
किसान खुश था और अपने घर को कायाकल्प कर रहा था लेकिन उसके बाद जो कुछ हुआ उससे उसकी जिंदगी बेजार हो गई।
छह महीने बाद किसान का सपना उस वक्त टूट गया, जब उनके बैंक ने उन्हें नोटिस भेजा कि उनके खाते में गलती से बड़ी राशि जमा हो गई है। बैंक ने उसे पूरी राशि वापस करने के लिए कहा है। अब पैसे के लिए बैंक लगातार किसान पर दबाव बना रहा है। उधर नोटिस को लेकर परेशान किसान का कहना है कि वो इतनी भारी-भरकम रकम कहां से जुटाएगा। बैंक का कहना है कि विकास कार्यों के लिए ये पैसा पिंपलवाड़ी ग्राम पंचायत को आवंटित किया गया था। लेकिन गलती से वो किसान के खाते में चले गए। चार महीने के बाद ग्राम पंचायत को मालूम चला कि यह पैसा किसान के खाते में आ गया है, जिसके बाद बैंक ने उसे नोटिस भेजा है।
ये कहानी औरंगाबाद जिले के पैठण तालुका के दावरवाड़ी के किसान ज्ञानेश्वर ओटे की है। उसको बैंक की तरफ से नोटिस मिला है, जिसमें बताया गया है कि जो रकम उसके खाते में आई है, वो गलती से डाली गई है। इसलिए उसे अब उन पैसों को वापस लौटाना पड़ेगा। ज्ञानेश्वर के खाते में अगस्त 2021 में 15 लाख रुपए जमा हुए थे।
ज्ञानेश्वर के जनधन खाते में 15 लाख रुपए जमा हुए तो उसने सोचा कि सरकार अपने किए वादे के मुताबिक उसे दिए हैं, जो कि चुनाव के दौरान किया गया था। 15 लाख रुपए पाकर किसान खुश था, जिसके लिए उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इसका आभार भी जताया, लेकिन जब बैंक का नोटिस मिला तो खुशी मानो कहां काफूर हो गई।
उधर, जब पैसे जमा हुए तो किसान की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ज्ञानेश्वर ओटे ने घर बनाने के लिए अपने बैंक ऑफ बड़ौदा खाते से 9 लाख रुपए निकाल लिए और घर का काम शुरू कर दिया। लेकिन अब वो सिर पर हाथ रखकर बैठा है। 15 में से 9 लाख रुपये वो खर्च कर चुका है। उसकी समझ में नहीं आ रहा कि रकम लौटाए तो लौटाए कहां से।