भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया की सुरक्षा में चूक के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सोमवार को दो जिलों के 14 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। सिंधिया के सुरक्षा में चूक रविवार को उस समय हुई जब वह दिल्ली से ग्वालियर आ रहे थे। ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित सांघी ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की सुरक्षा में चूक को लेकर 14 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित कर्मियों में मुरैना जिले के नौ और ग्वालियर जिले के पांच पुलिसकर्मी शामिल हैं।
सांघी ने कहा कि मुरैना पुलिस द्वारा मध्यप्रदेश-राजस्थान की सीमा से सिंधिया के वाहन को ‘एस्कार्ट’ करना था और उसके बाद यह काम ग्वालियर पुलिस को करना था। हालांकि मुरैना पुलिस ने सिंधिया के वाहन की तरह दिखने वाले एक अन्य वाहन को ‘एस्कार्ट’ दिया। इस कारण सिंधिया ग्वालियर में बिना पुलिस ‘एस्कार्ट’ दल के आए क्योंकि मुरैना पुलिस द्वारा सिंधिया के वाहन की सूचना ग्वालियर पुलिस को नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में हुई इस चूक के बाद लापरवाही में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
क्या है मामला ?: भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सुरक्षा में बड़ी चूक हो गई थी। ग्वालियर में उनके क़ाफिले को रोक लिया गया और NSUI कार्यकर्ताओं ने उन्हें बेशर्म के फूलों की माला पहना दी थी। पुलिस मूकदर्शक बन सबकुछ देखती रह गई थी। हालांकि पहले से कुछ गड़बड़ होने की आशंका थी। सिंधिया का क़ाफिला एयरपोर्ट पहुंचने ही वाला था कि गोला चौराहा पर लगभग 20-22 लोगों ने रोक लिया। इन लोगों ने सिंधिया को ज्ञापन दिया और फिर माला पहना दी।
बता दें कि ज्योतिरादित्य को ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। भाजपा नेताओं ने इस तरह की घटना पर चिंता जताई। इस तरह की सुरक्षा प्राप्त नेताओं की सिक्योरिटी के लिए तंत्र सक्रिय रहता है और पहले ही ऐसी घटनाओं का पता लगा लेता है। लेकिन इस मामले में पुलिस देखती ही रह गई।
ख़ास बात यह भी है कि सिंधिया के साथ इस तरह का व्यवहार उनके ही गृह नगर में किया गया।